Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Aug 2023 · 1 min read

मत दो साथ किसी का तुम…

मत दो साथ किसी का तुम
बस बैठ रहो चुपचाप,
लेकिन क्या तुम कर पाओगे
खुद भी खुद को माफ ?

अत्याचार हुआ अबला पर,
लेकिन तुम चुपचाप रहे,
नहीं जगा पुरूषार्थ तुम्हारा,
तुम कायर बन खामोश रहे,

सरेआम लुट गई अस्मिता,
फिर से एक वीरनी की,
शर्मशार हो गई मनुजता,
किन्तु किसीने उफ्फ तक ना की,

लानत है तुम पर, थू भी है,
तुम बड़े मर्द बनते हो,
जब नारी अपमानित होती,
तुम अट्टहास करते हो !?

नारी सिर्फ न नारी है,
वह पहचान तुम्हारी है,
मां, पुत्री पत्नी या प्रेयसी,
वह रिश्तेदार तुम्हारी है,

नहीं भोग्या, नहीं त्याज्या,
वह पूज्या सृष्टि स्वरूपा है,
जना जगत को जननी बन,
वह नारी विश्व विभूता है,

दे सकते सम्मान नहीं तो,
अपमानित क्यों करते हो,
बेशर्मी का सरेआम यूं,
नंगनाच क्यों करते हो,

सुधर सको तो सुधर जाओ तुम,
मौका है अभी तुम्हारे पास,
वरना तुम्हें गर्भ में ही फिर,
नारी करने लगेगी साफ।

– सुनील सुमन

Language: Hindi
214 Views
Books from Sunil Suman
View all

You may also like these posts

भारत का बजट
भारत का बजट
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
तेवरी के लिए एक अलग शिल्प ईज़ाद करना होगा + चेतन दुवे 'अनिल'
तेवरी के लिए एक अलग शिल्प ईज़ाद करना होगा + चेतन दुवे 'अनिल'
कवि रमेशराज
-अगर हम अपने अनुभवों पर आए तो सारे रिश्ते तोड़ जाए -
-अगर हम अपने अनुभवों पर आए तो सारे रिश्ते तोड़ जाए -
bharat gehlot
कलम और किताब की लड़ाई
कलम और किताब की लड़ाई
Shekhar Chandra Mitra
Dictatorship in guise of Democracy ?
Dictatorship in guise of Democracy ?
Shyam Sundar Subramanian
😊आज श्रम दिवस पर😊
😊आज श्रम दिवस पर😊
*प्रणय*
बांध लो बेशक बेड़ियाँ कई,
बांध लो बेशक बेड़ियाँ कई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
खुला पत्र ईश्वर के नाम
खुला पत्र ईश्वर के नाम
Karuna Bhalla
हम बस अपने कर्म कर रहे हैं...
हम बस अपने कर्म कर रहे हैं...
Ajit Kumar "Karn"
अधूरे ख्वाब
अधूरे ख्वाब
ओनिका सेतिया 'अनु '
पति का ब्यथा
पति का ब्यथा
Dr. Man Mohan Krishna
क्यूँ जुल्फों के बादलों को लहरा के चल रही हो,
क्यूँ जुल्फों के बादलों को लहरा के चल रही हो,
Ravi Betulwala
Being liked and loved
Being liked and loved
Chitra Bisht
पीकर चलना  नारियल , करना तू प्रयास ।
पीकर चलना नारियल , करना तू प्रयास ।
Neelofar Khan
সব মানুষের মধ্যেই ভগবান আছেন
সব মানুষের মধ্যেই ভগবান আছেন
Arghyadeep Chakraborty
मानी बादल
मानी बादल
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Rekha Drolia
सत्य परख
सत्य परख
Rajesh Kumar Kaurav
"बेखबर हम, नादान तुम " अध्याय -2 "दुःख सच, सुख मात्र एक आधार है |"
कवि अनिल कुमार पँचोली
समय का निवेश:
समय का निवेश:
पूर्वार्थ
बीती ताहि बिसार दे
बीती ताहि बिसार दे
Sudhir srivastava
मतदान कीजिए (व्यंग्य)
मतदान कीजिए (व्यंग्य)
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
23/98.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/98.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हिंदी काव्य के छंद
हिंदी काव्य के छंद
मधुसूदन गौतम
बेदर्दी मौसम दर्द क्या जाने ?
बेदर्दी मौसम दर्द क्या जाने ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
राहगीर
राहगीर
RAMESH Kumar
ऐंठे- ऐंठे चल रहे,  आज काग सर्वत्र ।
ऐंठे- ऐंठे चल रहे, आज काग सर्वत्र ।
sushil sarna
*मन का मीत छले*
*मन का मीत छले*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
15🌸बस तू 🌸
15🌸बस तू 🌸
Mahima shukla
अंग प्रदर्शन करने वाले जितने भी कलाकार है उनके चरित्र का अस्
अंग प्रदर्शन करने वाले जितने भी कलाकार है उनके चरित्र का अस्
Rj Anand Prajapati
Loading...