मत घबराओ
बाप अगर गंदा हो, न घबराओ तुम,
बस उसकी गलती को न दुहराओ तुम।
उससे न उलझो न अपमान करो,
धीरे धीरे अपनी नैय्या पार लगाओ तुम।।
कहां लिखा है बड़का भाई राम के जैसा,
बाप तुल्य ही होगा।
हो सकता अभिमानी लंपट,
ओढ़े हो रावण जैसा चोंगा।
भरी सभा में साधु विभीषण लात मार खाएगा,
यदि ऐसा है तो नगर छोड़ दो,
बाकी सब छोड़ो भविष्य पर जो होना होगा, होगा।।