मत्तगयंद सवैया ( राखी )
रक्षाबंधन की अनंतानंत हार्दिक शुभकामनाएँ,
सभी बहनों को मेरा प्रणाम पहुंचे।
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आप सभी को रक्षाबंधन के इस पावन पवित्र उत्सव का उरतल की गहराइयों से हार्दिक बधाई
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रेशम डोर लिए बहना मम, पावन नेह लुटावन आई।
गावत सावन गीत सुहावन,चंदन माथ लगावन आई।
बाधत प्रेम पुनीत सहोदर, नेहिल गंग बहावन आई।
देत दुआ मुख मिष्ट भरे अरु, प्रेमिल पर्व मनावन आई।।
✍️ पं.संजीव शुक्ल ‘सचिन’