Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Apr 2022 · 1 min read

मतदान की बंदूक से (गीतिका)

मतदान की बंदूक से (गीतिका)
**********************************
(1)
मतदान की बन्दूक से जमकर निशाना मारना
इस देश के गद्दार हैं ,जितने उन्हें धिक्कारना
(2)
दे रहे जो आपको रिश्वत में बोरे नोट के
वोट मत देना उन्हें ,ऐसों को मत पुचकारना
(3)
जातियों के नाम पर जो वोट लेने आएँगे
आरती भूले से भी ,उनकी न बैठ उतारना
(4)
हर मोहल्ले से सभी का वोट पड़ना चाहिए
यह युद्ध है जनतंत्र का ,मित्रों न हर्गिज हारना
(5)
अलगाववादी जीतने पाएँ न कोई सीट भी
सबको सिरे से ,हो सके तो एक साथ बुहारना
********************************
रचयिता :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा,
रामपुर (उत्तर प्रदेश)मोबाइल 99976 15451

225 Views
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

राही
राही
Vivek saswat Shukla
आग तो लगी हैं यंहा भी और वंहा भी
आग तो लगी हैं यंहा भी और वंहा भी
Abasaheb Sarjerao Mhaske
हे कृष्ण
हे कृष्ण
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
चेहरा सब कुछ बयां नहीं कर पाता है,
चेहरा सब कुछ बयां नहीं कर पाता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*राम पंथ अति उत्तम सतपथ*
*राम पंथ अति उत्तम सतपथ*
Rambali Mishra
भक्त बनो हनुमान के,
भक्त बनो हनुमान के,
sushil sarna
Anand mantra
Anand mantra
Rj Anand Prajapati
4990.*पूर्णिका*
4990.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
त्योहारों का देश
त्योहारों का देश
surenderpal vaidya
सुंदर नाता
सुंदर नाता
Dr.Priya Soni Khare
सोना मना है
सोना मना है
Shekhar Chandra Mitra
केंद्र की सत्ता में वापसी के लिए पंजा-पार्टी को
केंद्र की सत्ता में वापसी के लिए पंजा-पार्टी को "विदूषक" व "
*प्रणय*
प्रदीप छंद
प्रदीप छंद
Seema Garg
"संवेदना"
Dr. Kishan tandon kranti
भुजरियों, कजलियों की राम राम जी 🎉🙏
भुजरियों, कजलियों की राम राम जी 🎉🙏
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हस्ती
हस्ती
seema sharma
“मैं सब कुछ सुनकर भी
“मैं सब कुछ सुनकर भी
गुमनाम 'बाबा'
"Do You Know"
शेखर सिंह
*शीतल शोभन है नदिया की धारा*
*शीतल शोभन है नदिया की धारा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मां शारदे वंदना
मां शारदे वंदना
Neeraj Agarwal
“मधुरबोल”
“मधुरबोल”
DrLakshman Jha Parimal
सत्य का दीप सदा जलता है
सत्य का दीप सदा जलता है
पं अंजू पांडेय अश्रु
दलित साहित्यकार कैलाश चंद चौहान की साहित्यिक यात्रा : एक वर्णन
दलित साहित्यकार कैलाश चंद चौहान की साहित्यिक यात्रा : एक वर्णन
Dr. Narendra Valmiki
प्रयास सदैव उचित और पूर्ण हो,
प्रयास सदैव उचित और पूर्ण हो,
Buddha Prakash
ग़ज़ल _ तुम नींद में खोये हो ।
ग़ज़ल _ तुम नींद में खोये हो ।
Neelofar Khan
कुछ नही मिलता आसानी से,
कुछ नही मिलता आसानी से,
manjula chauhan
परख और पारखी
परख और पारखी
Mahender Singh
sp121 ढोलक
sp121 ढोलक
Manoj Shrivastava
अकेलापन
अकेलापन
Neerja Sharma
Compromisation is a good umbrella but it is a poor roof.
Compromisation is a good umbrella but it is a poor roof.
GOVIND UIKEY
Loading...