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12 May 2024 · 1 min read

मतदान कीजिए (व्यंग्य)

माल लगा जो भी हाथ, लेकर उसे ही साथ।
मन को किए सनाथ, मतदान कीजिए।

नेता देखे पाँच वर्ष, हुआ हो अतीव हर्ष।
उनके कड़े संघर्ष का भी मान कीजिए।

सिर रक्खें जात-पात, रंगभेद की भी बात।
त्यागिये ना पक्षपात, अभिमान कीजिए।

जो भी रहा होगा ऐब, समझें उसे भी सेब।
धोकर सभी फ़रेब, मधुपान कीजिए।

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