मणि
? डॉ अरुण कुमार शास्त्री ?
एक अबोध बालक :अरुण अतृप्त
काल का प्रवाह जो समझ लेता है उसको फिर विकेंद्रित कर पाना कठिन होता है, यथार्थ में जीवन वही जीता है अन्य तो सुप्तावस्था में ही जीवन गुजार देते हैं और बिना गाये गीत के जैसे चुपचाप चले जाते हैं ।।