मणिपुर कौन बचाए..??
फिर वही महाभारत देश में होनी चाहिए,
सिंहासन पर बैठे धृतराष्ट्र की बंद आँखे खुलनी चाहिए.!
अब हर द्रौपदी के हाथ में तलवार होनी चाहिए,
कृष्ण को भी ले सुदर्शन धरा पर उतरना चाहिए..।।
अर्जुन के गांडीव से ब्रह्मास्त्रों की बौछार होनी चाहिए,
और भीम की गदा से ये धरती काँप जानी चाहिए ।
इस बार रण में एकलव्य का भी साथ सत्य को चाहिए,
और इस कुरुक्षेत्र में कर्ण से ना कोई छल कपट होना चाहिए.।
अब विष्णु को भी शेषनाग की शैया छोड़ देनी चाहिए,
अवतार लेकर विष्णु को, गीता को सिद्ध कर देना चाहिए ।
माँ भारती की बचाने लाज,
शंकर को भी तीसरी आँख अब खोल देनी चाहिए..।
टूटती मर्यादाओं पर श्रीराम का भी सब्र टूट जाना चाहिए,
और हनुमान की आँखों से भी आँसू झलक जाने चाहिए ।
लक्ष्मण का भी क्रोध जलजला बनकर उफनना चाहिए,
रावण के करोड़ों शीश मुंड एक साथ कटकर जमीन पर गिरने चाहिए ।।
क्रोध से गंगा यमुना में भी सैलाब आना चाहिए,
और काबेरी ब्रह्मपुत्र सूखकर कहीं छिप जानी चाहिए ।
मुकुट हिमालय भी बिखरकर धूल हो जाना चाहिए,
लाज बचाने हर सीता की धरती को अपना सीना फाड़ लेना चाहिए.।।
इस बार हर ईश्वर को भी शर्मशार होना चाहिए,
ईस्वर, अल्लाह या यीशु को दौड़ते हुए जमीन पर आना चाहिए ।
इस क्रूरता का जबाव गीता, बाइबिल और कुरान को देना चाहिए,
बरना इन नशे के अड्डों को तुरंत ही नष्ट कर देना चाहिए ।।
फिर नहीं तो,
हर स्त्री को काली का रूप धारण करना चाहिए ।
रक्तबीज के हर बीज को खप्पर में भस्म कर देना चाहिए,
और बनकर दुर्गा महिषासुर का वध कर देना चाहिए ।।