मजा
जन्म पाया तो लिया दुनिया में आने का मजा
छुटपन में उन दस पाँच पैसों को कमाने का मजा
आयी जवानी तो अदा से दिल चुराने का मजा
बेबस बुढ़ापा भक्ति में है डूब जाने का मजा
है मजा हर ओर ले लो इस जमाने का मजा
शादियों-बरबादियों में मुफ्त खाने का मजा
जीत कर मिलता है पर लो हार जाने का मजा
उनको जिताकर ले लो उनके खिलखिलाने का मजा
इस मतलबी दुनिया में है दिल लगाने का मजा
रूठ जाए जब सनम तो है मनाने का मजा
छोड़ दे जब साथ तो आँसू बहाने का मजा
मौत के आने के पहले नर्क पाने का मजा
न हो कोई गलती तब है सर झुकाने का मजा
चूहे सौ खाकर के फिर हज पर है जाने का मजा
जोड़कर रिश्ते कई खुशियाँ गँवाने का मजा
ईमानदारी में मिला दुश्मन बनाने का मजा
बाँधकर सेहरा किसी को घर बुलाने का मजा
खुद में सिमटी हो तो है घूँघट उठाने का मजा
कुछ दिनों के बाद मिलता दुरदुराने का मजा
चिमटा बेलन से मिले सिर फूट जाने का मजा
नवजात शिशु के होठों पर है मुस्कुराने का मजा
देकर खुशी लो आप भी हँसने-हँसाने का मजा
जिंदगी देती रही गम के खजाने का मजा
खुद मिटा तब आया मुझको टूट जाने का मजा