Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Aug 2024 · 1 min read

मज़लूम ज़िंदगानी

बहुत सोच कर भी कुछ न कह पाती है ,
इस- क़दर जज़्बातों को दफ़्न किए जाती है ,

ज़ेहन में ख़यालों की आमेज़िश कभी थमती नही ,
चाह कर भी मारिज़ -ए- इज़हार में कभी आती नही,

दिल में एक अजीब सी बेचैनी तारी रहती है ,
ज़ब्ते एहसास ये ज़िंदगी इस- क़दर भारी रहती है ,

जिस्मे कफ़स में कैद वो रूह खुली फ़िज़ा को
तड़पती रह जाती है ,
लाख कोशिश पर भी ज़माने से बग़ावत का
हौसला ना जुटा पाती है ,

इस तरह ज़माने की रिवायत के आगोश में ,
मज़लूम ज़िंदगानी सिसकती रह जाती है ।

83 Views
Books from Shyam Sundar Subramanian
View all

You may also like these posts

कोई तो डगर मिले।
कोई तो डगर मिले।
Taj Mohammad
- दुनिया में मोहब्बत नही होती तो क्या होता
- दुनिया में मोहब्बत नही होती तो क्या होता
bharat gehlot
"कसौटी"
Dr. Kishan tandon kranti
कितनी शिद्दत से देखा होगा मेरी नज़रों ने
कितनी शिद्दत से देखा होगा मेरी नज़रों ने
शिव प्रताप लोधी
अच्छे दिनों की आस में,
अच्छे दिनों की आस में,
Befikr Lafz
लाल पतंग
लाल पतंग
विजय कुमार नामदेव
गज़ल
गज़ल
Jai Prakash Srivastav
एक दूसरे से उलझकर जो बात नहीं बन पाता,
एक दूसरे से उलझकर जो बात नहीं बन पाता,
Ajit Kumar "Karn"
बात उनकी कभी टाली नहीं जाती  हमसे
बात उनकी कभी टाली नहीं जाती हमसे
Dr Archana Gupta
टिमटिम करते नभ के तारे
टिमटिम करते नभ के तारे
कुमार अविनाश 'केसर'
मां -सही भूख तृष्णा खिलाया सदा
मां -सही भूख तृष्णा खिलाया सदा
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
राम छोड़ ना कोई हमारे..
राम छोड़ ना कोई हमारे..
Vijay kumar Pandey
sp ,,95अब कोई आवेश नहीं है / यह तो संभव नहीं
sp ,,95अब कोई आवेश नहीं है / यह तो संभव नहीं
Manoj Shrivastava
पुजारी शांति के हम, जंग को भी हमने जाना है।
पुजारी शांति के हम, जंग को भी हमने जाना है।
सत्य कुमार प्रेमी
पहली बारिश
पहली बारिश
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
मैं चाँद पर गया
मैं चाँद पर गया
Satish Srijan
*गॉंधी जी सत्याग्रही, ताकत में बेजोड़ (कुंडलिया)*
*गॉंधी जी सत्याग्रही, ताकत में बेजोड़ (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Godambari Negi
जिंदगी में कभी उदास मत होना दोस्त, पतझड़ के बाद बारिश ज़रूर आत
जिंदगी में कभी उदास मत होना दोस्त, पतझड़ के बाद बारिश ज़रूर आत
Pushpraj devhare
देश का वामपंथ
देश का वामपंथ
विजय कुमार अग्रवाल
भारत भूमि महान
भारत भूमि महान
Dr. Sunita Singh
"चित्तू चींटा कहे पुकार।
*प्रणय*
कृतज्ञता
कृतज्ञता
Girija Arora
स्वानंद आश्रम
स्वानंद आश्रम
Shekhar Deshmukh
सफ़र में था
सफ़र में था
Mahesh Tiwari 'Ayan'
4111.💐 *पूर्णिका* 💐
4111.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार
भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार
Poonam Sharma
मुक्तक
मुक्तक
Suryakant Dwivedi
मैं हर पल हर कड़ में खुशी ढूंढता हूं
मैं हर पल हर कड़ में खुशी ढूंढता हूं
Ranjeet kumar patre
Carry me away
Carry me away
SURYA PRAKASH SHARMA
Loading...