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2 Oct 2021 · 1 min read

//… मजहबी उन्माद…//

मानव मस्तिष्क के ,
एक कोने में,
जमा हुआ मवाद …!

सारे मानव समाज को ,
सड़ाता, गलाता घाव
मजहबी उन्माद….!

मरती माताएं ,
लुटती अबलाएं …!

होती कितनी ,
मर्माहत घटनाएं …!

यह कराता कत्लेआम ,
सरेराह ,सरेआम
दंगे और फसाद …!

उदाहरण के तौर पर ,
सामने इतिहास पड़ा
लो कर लो याद …!

मेरे देशवासियों ,
मेरी तुमसे विनम्र विनती ,
फिर ना आए ,
गुजरा हुआ कल …!

सबका अच्छा हो,
आने वाला पल …!

इसलिए अपने विचारों से ,
कर दो इसे आजाद …!

आओ एक हो सभी
मिटे मन से यह उन्माद …!

चिंता नेताम “मन”
डोंगरगांव(छत्तीसगढ़)

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 469 Views
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