मजलूम अवाम
ऐ दबी-कुचली धरती
तुम पलटती क्यों नहीं?
यह ज़ुल्मत का निज़ाम
तुम उलटती क्यों नहीं?
कब तक चलती रहोगी
ऐसे एक ही ढर्रे पर?
आखिर अपनी लीक से
तुम भटकती क्यों नहीं?
Shekhar Chandra Mitra
#स्त्रीविमर्श #दलितविमर्श
#आदिवासीविमर्श
ऐ दबी-कुचली धरती
तुम पलटती क्यों नहीं?
यह ज़ुल्मत का निज़ाम
तुम उलटती क्यों नहीं?
कब तक चलती रहोगी
ऐसे एक ही ढर्रे पर?
आखिर अपनी लीक से
तुम भटकती क्यों नहीं?
Shekhar Chandra Mitra
#स्त्रीविमर्श #दलितविमर्श
#आदिवासीविमर्श