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11 Jun 2023 · 1 min read

मजबूर

जमाने का ये क्‍या दस्‍तूर है
रोता हमेशा भूखा मजबूर है!
हर पल बहाता है खून पसीना
रोटी के खातिर ही मजदूर है।

दुनिया की रौशनी से ये दूर है
मेहनत का ही इनको गुरूर है।
हँसीं खुशी रहता अपनो के बीच
दिलो में अपनो के ये मशहूर है।
अभिषेक शर्मा

Language: Hindi
57 Views
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