Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Jun 2022 · 1 min read

मजदूर

हाथ हो गया अब मेरा पत्थर का
चट्टान को भी झटके से तोड़ दू।

अंगार से अब डर नहीं लगता
मिलाकर आँखे अंगार का भी मुख मोड़ दूँ।

कुदरत ने मुझपर बेतिहाँ सितम ढाएँ है
अब तो हर सितम सामना हँसते हुए कर लूँ।

मै मजदूर हूँ मेहनत से नहीं डरता
चाहे करना पड़े कितना भी मेहनत
मैं पीछे नहीं हटता ।

देखना है तो देख लो कभी आजमा कर
दिन रात मेहनत मे गुजार दूँ।

~ अनामिका

Language: Hindi
4 Likes · 208 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
यदि आपका आज
यदि आपका आज
Sonam Puneet Dubey
गीत
गीत "आती है अब उनको बदबू, माॅ बाबा के कमरे से"
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
..
..
*प्रणय*
उनका शौक़ हैं मोहब्बत के अल्फ़ाज़ पढ़ना !
उनका शौक़ हैं मोहब्बत के अल्फ़ाज़ पढ़ना !
शेखर सिंह
4386.*पूर्णिका*
4386.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चीजें खुद से नहीं होती, उन्हें करना पड़ता है,
चीजें खुद से नहीं होती, उन्हें करना पड़ता है,
Sunil Maheshwari
********** आजादी के दोहे ************
********** आजादी के दोहे ************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बातों की कोई उम्र नहीं होती
बातों की कोई उम्र नहीं होती
Meera Thakur
मसला ये नहीं कि लोग परवाह नहीं करते,
मसला ये नहीं कि लोग परवाह नहीं करते,
पूर्वार्थ
छलावा
छलावा
Sushmita Singh
हे राम तुम्हीं कण कण में हो।
हे राम तुम्हीं कण कण में हो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
हमने किस्मत से आँखें लड़ाई मगर
हमने किस्मत से आँखें लड़ाई मगर
VINOD CHAUHAN
"जुदा"
Dr. Kishan tandon kranti
इस जीवन का क्या है,
इस जीवन का क्या है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रमेशराज के 'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में 7 बालगीत
रमेशराज के 'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में 7 बालगीत
कवि रमेशराज
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
जिंदगी का हिसाब
जिंदगी का हिसाब
Surinder blackpen
गांव जीवन का मूल आधार
गांव जीवन का मूल आधार
Vivek Sharma Visha
आंखों की चमक ऐसी, बिजली सी चमकने दो।
आंखों की चमक ऐसी, बिजली सी चमकने दो।
सत्य कुमार प्रेमी
हम मुहब्बत के परस्तार रियाज़ी तो नहीं
हम मुहब्बत के परस्तार रियाज़ी तो नहीं
Nazir Nazar
“एक कोशिश”
“एक कोशिश”
Neeraj kumar Soni
बेडी परतंत्रता की 🙏
बेडी परतंत्रता की 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
सबको
सबको
Rajesh vyas
जीवन में कोई भी युद्ध अकेले होकर नहीं लड़ा जा सकता। भगवान राम
जीवन में कोई भी युद्ध अकेले होकर नहीं लड़ा जा सकता। भगवान राम
Dr Tabassum Jahan
आवाजें
आवाजें
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
एहसास हो ऐसा
एहसास हो ऐसा
Dr fauzia Naseem shad
Dictatorship in guise of Democracy ?
Dictatorship in guise of Democracy ?
Shyam Sundar Subramanian
*अमर तिरंगा रहे हमारा, भारत की जयकार हो (गीत)*
*अमर तिरंगा रहे हमारा, भारत की जयकार हो (गीत)*
Ravi Prakash
रुख़ से परदा हटाना मजा आ गया।
रुख़ से परदा हटाना मजा आ गया।
पंकज परिंदा
इस सफर में कहो कौन कैसा कहाँ।
इस सफर में कहो कौन कैसा कहाँ।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
Loading...