मजदूर माफ नहीं करेंगे
देश को चलाने वाले कैसे भूल गए
उनको,जो धूप में जल रहे हैं
पैर जिनके छिल रहे हैं, भूख से जो तड़प रहे हैं,
आंसुओं को जो पी रहे हैं,
कैसे भूल गए वह कि
देश के निर्माण के जो जड़ हैं
वो यहीं 70% भारत है!
छोटी-छोटी इंटो को जोड़कर ही 10 मंजिला मकान बनता है।
सतह कमजोर हो तो मकान को गिरने में वक्त कहां लगता है,
कैसे भूल सकते हैं वो ये सतह पर काम करने वाले तड़प रहे हैं????
चुनाव होते हैं, तो भोजन से लेकर
परिवहन तक का, उत्तम प्रबंध होता है
घर घर जाकर, निमंत्रण देने का भी क्या कौशल होता है!
सवाल है, एक भारतीय नागरिक का आज वह प्रबंध कहां है आज वह कौशल कहां है???
वो भूल गए तुम्हें,
मेरे प्यारे मजदूर भाई बहनों
पर तुम उन्हें मत भूलना
अगली बार जब वोट डालने जाओ अपने पैरों के छालों को याद रखना!
क्योंकि याद रखना, तुम ही जड़ हो, तुम हीं चेतन हो, तुम ही असली भारत हो!