Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 May 2020 · 1 min read

मजदूर दिवस

अभी मैं छोटा हूं, मुझे काम पर नहीं जाना है।
अभी तो मेरी उम्र है। स्कूल पढ़ने जाने की।

मै थक जाता हूं सारा दिन,
सर पर बोझ उठाकर।

मेरे भू के जिस्म में जान नहीं,
दिनभर करवाते काम हो।

मुझे तो अभी ममता के आंचल में पलना था,
मुझसे क्यों मजदूरी करवाते हो।

मुझे तो अभी पढ़ लिखकर कुछ बनना था,
पर इस मजदूरी ने तो मेरी आत्मविश्वास को झिंझोर दिया।

जिस उम्र में मुझे कलम पकड़ना था,
उस उम्र में दो वक्त की रोटी कमाने जा रहा हूं।

जिन हाथों में कलम पकड़ना था,
उन हाथों से ईटा गिरा रहा हूं।

जिन कंधों पर होना चाहिए किताबों का बोझ,
उस उम्र में हो रहा हूं मजदूरी का बॉस।

वह बचपन कहां खो गया,
मैं मासूम क्या बताऊं।

कौन है गुनहगार मेरे सपनों का,
जवाब मिलता है यह गरीबी।

मैं कुचला गया इस भेदभाव में,
इस समाज के गरीबी नामक घाव में।

सोच सोच कर अब थक गया हूं,
अब ऐसा नहीं निराशा है।

अब मैं नहीं आ रहा मेरे दोस्त,
यह देश हारा है गरीबी से।

मैं इस देश का भविष्य हूं,
और मेरा भविष्य ही अंधकार है।

अंजली तिवारी

Language: Hindi
4 Likes · 4 Comments · 422 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
न्याय तुला और इक्कीसवीं सदी
न्याय तुला और इक्कीसवीं सदी
आशा शैली
ग़ज़ल/नज़्म - फितरत-ए-इंसा...आज़ कोई सामान बिक गया नाम बन के
ग़ज़ल/नज़्म - फितरत-ए-इंसा...आज़ कोई सामान बिक गया नाम बन के
अनिल कुमार
हार से डरता क्यों हैं।
हार से डरता क्यों हैं।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
अलाव
अलाव
गुप्तरत्न
श्रावणी हाइकु
श्रावणी हाइकु
Dr. Pradeep Kumar Sharma
सुनाऊँ प्यार की सरग़म सुनो तो चैन आ जाए
सुनाऊँ प्यार की सरग़म सुनो तो चैन आ जाए
आर.एस. 'प्रीतम'
"ख़्वाहिशों की दुनिया"
Dr. Kishan tandon kranti
पतझड़
पतझड़
ओसमणी साहू 'ओश'
हर खुशी पर फिर से पहरा हो गया।
हर खुशी पर फिर से पहरा हो गया।
सत्य कुमार प्रेमी
Ghazal
Ghazal
shahab uddin shah kannauji
शाम हो गई है अब हम क्या करें...
शाम हो गई है अब हम क्या करें...
राहुल रायकवार जज़्बाती
शमशान की राख देखकर मन में एक खयाल आया
शमशान की राख देखकर मन में एक खयाल आया
शेखर सिंह
गुज़िश्ता साल
गुज़िश्ता साल
Dr.Wasif Quazi
आज पुराने ख़त का, संदूक में द़ीद़ार होता है,
आज पुराने ख़त का, संदूक में द़ीद़ार होता है,
SPK Sachin Lodhi
नश्वर तन को मानता,
नश्वर तन को मानता,
sushil sarna
"माँ की छवि"
Ekta chitrangini
" गुरु का पर, सम्मान वही है ! "
Saransh Singh 'Priyam'
पल भर कि मुलाकात
पल भर कि मुलाकात
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
वो आपको हमेशा अंधेरे में रखता है।
वो आपको हमेशा अंधेरे में रखता है।
Rj Anand Prajapati
#कटाक्ष
#कटाक्ष
*Author प्रणय प्रभात*
सहेजे रखें संकल्प का प्रकाश
सहेजे रखें संकल्प का प्रकाश
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
2652.पूर्णिका
2652.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
खुद के वजूद की
खुद के वजूद की
Dr fauzia Naseem shad
नर नारी
नर नारी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सजाया जायेगा तुझे
सजाया जायेगा तुझे
Vishal babu (vishu)
धरा पर लोग ऐसे थे, नहीं विश्वास आता है (मुक्तक)
धरा पर लोग ऐसे थे, नहीं विश्वास आता है (मुक्तक)
Ravi Prakash
Life
Life
C.K. Soni
फौजी जवान
फौजी जवान
Satish Srijan
Let yourself loose,
Let yourself loose,
Dhriti Mishra
दुआ को असर चाहिए।
दुआ को असर चाहिए।
Taj Mohammad
Loading...