Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 May 2020 · 1 min read

मजदूर का पलायन

वो चला है शहर से गाँव की ओर ,
हताश मन और टूटे सपने लिए ।
किनारे तो ना लगी जीवन -नैया ,
मझधार में रह गयी टूटी पतवार लिए ।
दो टूक कलेजे के साथ परिवार को थामे,
जा रहा है वो तपती सड़क पर नंगे पैर लिए।
रोजगार छिनते ही फिर कंगाली का डर ,
महानगर में कैसे जीवित रहे अभाव लिए ?
है तो सरकार की और से सब सुविधाएं ,
मगर जाने क्यों इनपर इसे भरोसा नहीं ,
रेल है बस है और रहने को धर्म शालाएँ भी ,
है भोजन की व्यवस्था पग पग पर , मगर
इसको दरकार नहीं।
समस्या बड़ी विकट खड़ी एक षड्यंत्र लिए।
इधर महामारी का प्रकोप ,और उधर अनुशासन पालन ,
कैसे रोके आखिर सरकार मजदूर का पलायन ?

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 497 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ओनिका सेतिया 'अनु '
View all
You may also like:
हमारी जिंदगी ,
हमारी जिंदगी ,
DrLakshman Jha Parimal
मैं और दर्पण
मैं और दर्पण
Seema gupta,Alwar
कामनाओं का चक्र व्यूह
कामनाओं का चक्र व्यूह
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
2599.पूर्णिका
2599.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
"धरती की कोख में"
Dr. Kishan tandon kranti
मां बाप
मां बाप
Mukesh Kumar Sonkar
''आशा' के मुक्तक
''आशा' के मुक्तक"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
*पापी पेट के लिए *
*पापी पेट के लिए *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"ओट पर्दे की"
Ekta chitrangini
गवर्नमेंट जॉब में ऐसा क्या होता हैं!
गवर्नमेंट जॉब में ऐसा क्या होता हैं!
शेखर सिंह
पिता
पिता
Dr Parveen Thakur
//  जनक छन्द  //
// जनक छन्द //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
संतोष धन
संतोष धन
Sanjay ' शून्य'
जय माँ कालरात्रि 🙏
जय माँ कालरात्रि 🙏
डॉ.सीमा अग्रवाल
दिखा दूंगा जहाँ को जो मेरी आँखों ने देखा है!!
दिखा दूंगा जहाँ को जो मेरी आँखों ने देखा है!!
पूर्वार्थ
■ दूसरा पहलू
■ दूसरा पहलू
*Author प्रणय प्रभात*
एक हैसियत
एक हैसियत
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
उदासी
उदासी
DR. Kaushal Kishor Shrivastava
गोंडवाना गोटूल
गोंडवाना गोटूल
GOVIND UIKEY
चप्पलें
चप्पलें
Kanchan Khanna
घूँघट के पार
घूँघट के पार
लक्ष्मी सिंह
🙏🙏
🙏🙏
Neelam Sharma
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
तुम
तुम
Sangeeta Beniwal
फूलों सी मुस्कुराती हुई शान हो आपकी।
फूलों सी मुस्कुराती हुई शान हो आपकी।
Phool gufran
राख देख  शमशान  में, मनवा  करे सवाल।
राख देख शमशान में, मनवा करे सवाल।
दुष्यन्त 'बाबा'
*खाई दावत राजसी, किस्मों की भरमार【हास्य कुंडलिया】*
*खाई दावत राजसी, किस्मों की भरमार【हास्य कुंडलिया】*
Ravi Prakash
अंधा बांटे रेबड़ी, फिर फिर अपनों के देवे – कहावत/ DR. MUSAFIR BAITHA
अंधा बांटे रेबड़ी, फिर फिर अपनों के देवे – कहावत/ DR. MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
हरमन प्यारा : सतगुरु अर्जुन देव
हरमन प्यारा : सतगुरु अर्जुन देव
Satish Srijan
*स्वर्ग तुल्य सुन्दर सा है परिवार हमारा*
*स्वर्ग तुल्य सुन्दर सा है परिवार हमारा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Loading...