मछली के बाजार
आज दिल्ली में दरबार बा
पूरा देश में हाहाकार बा
एकरा कवनो चिंता नाहीं
आन्हर-बहिर सरकार बा…
(१)
देखल जाला ना तमाशा
खाली होला शोर-शराबा
लागेला कि संसद नाहीं
इंहा मछली के बाजार बा…
(२)
ना जनता के हाल एइमें
ना सत्ता से सवाल एइमे
विज्ञापन से भरल सगरी
टीवी औरी अखबार बा…
(३)
ई अदालत जो सच्चा रहीत
काहे सबके दुरदशा होईत
चुनाव आयोग के करतब से
लोकतंत्र बनल खेलवाड़ बा…
(४)
खामी कइसे दुरूस्त होई
बेवस्था कइसे तंदरुस्त होई
जेकरा हाथ में ताक़त सब
जब ओकरे सोच बीमार बा…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#गीत #कवि #politics #गीतकार
#lyricist #bhojpuri #lyrics
#protest #youth #JNU #poetry
#गीतकार #कवि #भोजपुरी #राजनीति
#हल्लाबोल #जनवादी #सियासत #विद्रोही