मच्छर
हे मच्छर तूने कोरोना को हराया
पर पूरी दुनिया को डराया
तेरी किसमें अनेक
ओम तेरे नाम अनेक
कोई कहे नालीप्रसाद कोई कहे गड्ढाचंद
कोई कहे मच्छर तुझे अंधेरा पसंद
कूलरसिंह तो कहीं जलाराम
बस इंसान को काटने का काम
मलेरिया फैलाएं डेंगू भी संग लाए
फिर टाइफाइड में बदल जाए
चिकनगुनिया भी तू ही फैलाए
ओमप्रकाश भारती ओम्