Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Aug 2021 · 1 min read

मखमली ख्वाब

रूई के फोहे से हैं मेरे मखमली ख्वाब
रेशम के धागों से कसीदे हैं कुछ ख्वाब

ख्वाहिश, अरमान, ख्वाब, फरमाइश हैं
रेशम की डोरी से धागे बुनकर बुनती हूँ
सीरत
कसीदे- कढ़ाई, बुनाई

रूई- कपास

फोहे- कपास के पौधे के अन्दर से निकालते हैं, बड़ी नरम, soft होती है, एकदम दूध जैसी

शीला गहलावत सीरत
चण्डीगढ़, हरियाणा

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 521 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
चांद शेर
चांद शेर
Bodhisatva kastooriya
अखंड भारत
अखंड भारत
विजय कुमार अग्रवाल
प्रेम पर्याप्त है प्यार अधूरा
प्रेम पर्याप्त है प्यार अधूरा
Amit Pandey
#आज_का_शेर
#आज_का_शेर
*Author प्रणय प्रभात*
🔥आँखें🔥
🔥आँखें🔥
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
जय श्री गणेशा
जय श्री गणेशा
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
याद में
याद में
sushil sarna
"आँखें"
Dr. Kishan tandon kranti
उद् 🌷गार इक प्यार का
उद् 🌷गार इक प्यार का
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
* भैया दूज *
* भैया दूज *
surenderpal vaidya
सिलसिला
सिलसिला
Ramswaroop Dinkar
"शर्म मुझे आती है खुद पर, आखिर हम क्यों मजदूर हुए"
Anand Kumar
कॉटेज हाउस
कॉटेज हाउस
Otteri Selvakumar
सत्य छिपकर तू कहां बैठा है।
सत्य छिपकर तू कहां बैठा है।
Taj Mohammad
गाँधी जी की लाठी
गाँधी जी की लाठी
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
तेरे भीतर ही छिपा, खोया हुआ सकून
तेरे भीतर ही छिपा, खोया हुआ सकून
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
पन्द्रह अगस्त का दिन कहता आजादी अभी अधूरी है ।।
पन्द्रह अगस्त का दिन कहता आजादी अभी अधूरी है ।।
Kailash singh
*शिवाजी का आह्वान*
*शिवाजी का आह्वान*
कवि अनिल कुमार पँचोली
एक शेर
एक शेर
Ravi Prakash
" ब्रह्माण्ड की चेतना "
Dr Meenu Poonia
वोटर की पॉलिटिक्स
वोटर की पॉलिटिक्स
Dr. Pradeep Kumar Sharma
चेहरा और वक्त
चेहरा और वक्त
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ऐसी प्रीत कहीं ना पाई
ऐसी प्रीत कहीं ना पाई
Harminder Kaur
23/178.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/178.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मुझ पर इल्जाम लगा सकते हो .... तो लगा लो
मुझ पर इल्जाम लगा सकते हो .... तो लगा लो
हरवंश हृदय
--कहाँ खो गया ज़माना अब--
--कहाँ खो गया ज़माना अब--
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
दूर हमसे वो जब से जाने लगे हैंं ।
दूर हमसे वो जब से जाने लगे हैंं ।
Anil chobisa
बिखरे सपनों की ताबूत पर, दो कील तुम्हारे और सही।
बिखरे सपनों की ताबूत पर, दो कील तुम्हारे और सही।
Manisha Manjari
छोड़ भगौने को चमचा, चल देगा उस दिन ।
छोड़ भगौने को चमचा, चल देगा उस दिन ।
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
Loading...