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11 Sep 2017 · 1 min read

मकसद

कुछ भी नहीं, एक आस तो है
कुछ कर गुजरने का मक्सद खास तो है,
यहीं मक्सद है मेरे जीवन की पूँजी
मेधावी पे होते जुल्मो का एहसास तो है।
होंगे आरक्षण मुक्त हम हिन्द में
मन के आंगन मे “सचिन”
एक विश्वास तो है।
पं.संजीव शुक्ल “सचिन”

Language: Hindi
Tag: शेर
365 Views
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