मकर संक्रांति
शुभ मकर संक्रांति पर्व
मेला में जमघट लगा, दे कर प्रभु को अर्ध्य।
उत्तरायण प्रभु भास्कर ,पुण्य कर्म अब सध्य।
पुण्य कर्म अब सध्य, नौग्रह भाव के स्वामी।
सब कुछ करते दान ,राजा भोज से नामी।
कहें प्रेम कविराय, हो शुभ लग्न का रेला।
मकर संक्रांति पर्व,हर्षोल्लास का मेला।
डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम