मकर संक्रांति पर्व की हार्दिक बधाई
आप सभी को मकर संक्रांति की हार्दिक बधाई एंव अनंत शुभकामनाएं ।
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प्रस्तुत हैं कुछ दोहे:-
सूर्य देव उत्तर चले, हो रथ पर आरूढ।
सकल सृष्टि का चक्र ये,बसा तथ्य अति गूढ।।(१)
सूर्य चक्र अब घूमता, करता मकर प्रवेश।
निशा काल लघुरूप ले, चमकें दिव्य दिनेश।।(२)
तापमान बढ़ने लगे,हो मौसम प्लीजेन्ट।
फूलों से खुशबू बहे,बनकर मोहक सेंट।।(३)
तिलहन गुड़ की खाइए,चिक्की भर कर पेट।
तन में रहती ताजगी, फैट बढ़े नहिं वेट।।(४)
काली खिचड़ी दाल की, देशी घी भरपूर।
जाड़े की ठंडक मिटे, सर्दी हो काफूर।।(५)
? अटल मुरादाबादी ?