मकर पर्व स्नान दान का
मकर पर्व है स्नान दान का
जन-जीवन में सत्य सनातन ।
भाष्कर का आगमन मकर में
बनता अवसर अतिशय पावन ।।
प्रवाहिनी की जल धारा में ,
सब डुबकी श्रध्दालु लगाते ।
दान-दक्षिणा संत रंक दे ,
पुण्य धर्म का सुफल कमाते ।।
उदित सूर्य को जल अर्पित कर
करते हैं आराधन वंदन ।
मकर पर्व…………….।।
नमन पूज्य पुरखों के यश को
संतानों को सुपथ दिखाए।
धर्म आचरण के प्रतिफल को
पीढ़ी दर पीढ़ी हम पाए ।।
सदियों से है किया सभी ने
नित-प्रति परंपरा का पालन ।
मकर पर्व……………….।।
तिल खिचड़ी तिल लड्डू खाकर
भेद भाव को मन से हरते ।
नील गगन में उड़ें पतंगें
आनंदोत्सव जीवन भरते ।।
नेह बंध सब लोग निभाते ,
बना पर्व खिचड़ी मनरंजन ।
मकर पर्व ……………….।।
डा.सुनीता सिंह ‘सुधा’
वाराणसी©®