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विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
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4 Feb 2024 · 1 min read
मकरंद
लिखते हैं सब ही यहां,
अपने-अपने छंद।
भंवरा ढूँढ़ें पुष्प पर,
भांति भांति मकरंद।
Competition:
Poetry Writing Challenge-2
Language:
Hindi
Tag:
दोहा
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