मंजिल से पहले
“जिसपे तेरा इख़्तियार ना हो उसे जाने दे,
जो हो सकता है खुद से, वो हो जाने दे,
रवायतें है उदासी की,उससे दूर चला चल,
मंजिल से पहले इरादों को थकने ना दे l”
“जिसपे तेरा इख़्तियार ना हो उसे जाने दे,
जो हो सकता है खुद से, वो हो जाने दे,
रवायतें है उदासी की,उससे दूर चला चल,
मंजिल से पहले इरादों को थकने ना दे l”