मंजिल उसे मिले जो करे मेहनत यहाँ
बिना परिश्रम के मिलती शोहरत कहाँ।
मंजिल उसे मिले जो करे मेहनत यहाँ।।
राह की बाधा आसानी से दूर होती नही।
करें सदा दिल से प्रभु की इबादत यहाँ।।
न डरे कभी राह के कठिन मुश्किलों से ।
करें सदा मेहनती लोगों की सोहबत यहाँ।
नसीब के लिए अफसोस न कर कभी।
जो मिला उसको स्वीकार किस्मत यहाँ।।
झूठे वादों और दावों पर न इतराया कर ।
मत कर इसके लिए कभी मिन्नत यहाँ।।
कई तरह के सोच वाले लोग मिलते यहाँ।
न कर किसी से कभी तुम नफरत यहाँ।।
अपने श्रम से तू एक नई इबारत लिख।
मन में अधूरी न रह जाये कोई हसरत यहाँ।