मंजिले जुस्तजू
✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️
🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की कुछ लोगों को भाग्य से ऐसा हमसफ़र मिलता है की जहाँ आप दिल से ताल्लुक रखते हो वहीँ वो दिमाग से रिश्ते रखता है -जहाँ आप दिल से दिल लगाते हो वहीँ वहां वो दिल भी दिमाग से लगाता है ,कहते हैं रिश्ते ऊपर से बन कर आते हैं पर ऐसे रिश्ते नहीं समझौते कहे जाते हैं जहाँ यकीनन टूटना और बिखरना दिल वाले को ही पड़ता है …,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की किसी को तो घर से बाहर कदम रखते ही मंजिले जुस्तजू मिल जाती है और कई लोग अक्सर मेरी तरह पूरी जिंदगी सफर में ही बिता देते हैं…कई बार लगता है की शायद यही मंजिल है की फिर अचानक से एक कटीला घुमावदार मोड़ आ जाता है एक नए सफर के लिए …,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की आज के युग में लोग समझना कम समझाना ज्यादा चाहते हैं ,सुलझाना कम उलझाना ज्यादा चाहते हैं ,बात की गहराइयों को समझना नहीं अपितु बेवजह बेबरतीब जिरह करके एक के बाद जवाब देते हुए ये साबित करना चाहते हैं या कहें की अपने अहम को पोषित करना चाहते हैं की हम सुनेंगें नहीं ,हम वही सुनेंगें जो हम सुनना चाहते हैं और शायद यही वजह है विचारधाराओं की खाई के दिन भर दिन बढ़ने की …,
आखिर में एक ही बात समझ आई की जिन पौधों को जरुरत से ज्यादा सहेज कर रखा जाता है वो कभी भी वृक्ष का रूप नहीं ले सकते ,अगर वृक्ष बनना है तो धूप -छाँव /सर्दी- गर्मी /आंधी -तूफ़ान /हर स्तिथि से सामना करना होगा ….!
बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ….सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ….!
🙏सुप्रभात 🌹
आपका दिन शुभ हो
विकास शर्मा'”शिवाया”
🔱जयपुर -राजस्थान 🔱