*”मंजिलें “*
“मंजिलें”
नये रास्ते नई दिशाएं मंजिल की ओर ,
आगे कदम बढ़ाते चल।
राह में कितनी भी मुश्किलें आये ,
कठिन परिश्रम लगन से हिम्मत बंधाते चल।
नवीन क्रांति योजना सृजन कार्य से,
पक्का इरादा बनाये ,उमंग उत्साह जगाते चल।
जीवन के हर क्षण प्रतिपल ,नई राह नई दिशाएं निश्चय अटल बनाते चल।
सच्चे अर्थों में लक्ष्य अडिग रहते हुए,
समय के साथ कदम से कदम मिलाते हुए चल।
समय कभी रूकता नही ,व्यर्थ समय न गंवा ,
सुअवसर मौका मिला ,मकसद पूरा करते चल।
कभी न कभी मिलेगी मंजिले ,दृढ़ इच्छाशक्ति आत्म विश्वास जगाते हुए चल।
रास्ता नया मंजिलें नई जिस राह पे चले,कठिन डगर मुश्किलें आसान करते चल।
शशिकला व्यास