*मंजर कभी न आये*
मंजर कभी न आये
मेरी तलाश कब खत्म होगी कोई तो बताये,,
वो जो गये मेरी जिंदगी से वैसा कोई तो आये,,
जग तो रुला रहा है मुझे बचपन से आज तक,,
माँ के बाद कोई न मिला जो गोद मैं बिठाये,,
झर झर ये झरती आंखे कप कपाते होंठ,,
बाबू जी के सिबा कोई आँसू तो पोंछ जाये,,
सूनी ये कलाई भी अब करती कई सवाल है,,
बहना तेरे बिना अब कोई हाल न जान पाये,,
घर बार दौलत सब न हो रिश्ते ही काम आये,,
मंजर ये जल प्लावन का मनु ऐसा कभी न आये,,
मानक लाल मनु