भ्रूण हत्या:अब याचना नहीं रण होगा….
भ्रूण हत्या
अब याचना नहीं रण होगा…
अब याचना नहीं रण होगा…
दंश सहे प्रणय की प्रति क्षण…
घुट घुट जीना मिट मिट मारना..
करुण क्रंदन अब तेरा क्षण क्षण होगा ……
सर्वस्व समर्पित अस्तित्व हमारा ..
किंतु “अंश”(बिटिया) न अर्पण होगा…
“सुता”रक्षण हर शर्त समर्थन की थी कभी …..
अब प्रबल प्रयत्न भीषण होगा…
छल,प्रतिघात, ना ही कोई ..अंशअर्पण होगा…
बहुत अवमानना कर ली तुमने …
,कृत्य प्रसारण आज कण कण होगा…
अब याचना नहीं रण होगा…
कृत्य प्रसारण आज जन जन होगा…✍️अश्रु