भ्रष्टाचार पर कुछ पंक्तियां
भारत कृषि प्रधान था,अब भ्रष्टाचार प्रधान।
विश्व में नंबर एक,अब उसकी पहचान।।
शिक्षक हो रहे भर्ती,रिश्वत देकर आज।
शिक्षा मंत्री ले रहे, आये उनको लाज।।
जब तक नेता भ्रष्ट है,और शासन बेकार।
तब तक मिटता नही,देश में भ्रष्टाचार।।
पहले चारा खा गए,अब खायेगे देश।
कुर्सी पर जमे,धर नेता का भेष।।
शिक्षा मंत्री करते है,शिक्षा पर भ्रष्टाचार।
योग्य शिक्षक झेल रहे,अनेको अत्याचार।।
जिनको जाना पढ़ना था,पढ़ने को स्कूल।
जूतों पर पालिश करे,वे भविष्य के फूल।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम