भ्रम
भ्रम
भ्रम से पैदा होता है
लोग अक्सर ही डालते हैं
खुद के फायदे के लिए
दूसरों की आंखों पर पर्दे
यह पर्दे वह कभी हटने देते ही
नहीं
इस तरह की लगातार जारी
कोशिशों से
किसी के जीवन में
हमेशा ही
प्रकाश को तरसता
एक घुप, भयावह और
काला अंधियारा भरा रहता है
कैसे सीलन से भरे
कमरे में जैसे
सारी उम्र गुजारने को
मजबूर होते हैं कुछ लोग
कुछ अपनी कमियों के कारण और
कुछ दूसरों के हाथों में
अपने जीवन की बागडोर
थमा देने के कारण
वह एक कठपुतली की तरह
नाचते नाचते
पता नहीं क्यों कभी
थकते नहीं और
उस नचाने वाले का भी
कमाल देखो
वह भी कभी थकता नहीं
दोनों ही भ्रमित हैं
पता नहीं क्या हासिल करना
चाहते हैं
यह दोनों ही इस कदर
भ्रमित हैं कि
इन्हें यह भी नहीं पता कि
इनके तमाशे को
देखने वाला
कोई दर्शक नहीं है
और यह कहीं से
किसी दर्शक को
खींच खांच कर ले भी आयें तो
इनकी कहानी देखने, सुनने या
समझने में
किसी को कोई दिलचस्पी
नहीं है।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001