भ्रमर और तितली.
मैं हूँ काला
भ्रमर समान.
तू है सुन्दर
तितली जैसी
घृणा दिखाता-
है क्यों
मुछ से
विधाता की
सुष्टि हूँ ना मैं भी…
फूलोँ से भूलोम्
तक जाके
एक ही काम
करता है हम दोनों.
लेकिन तितली सबको
प्यारा है मगर भ्रमर…..
घृणा मत करो
किसी से
बाहर की सुंदरता
देखकर.
खुदा की सारी
सृष्टी
उपयोगी है इस
दुनिया में.