भ्रमन टोली ।
निकल परी है, टोली
हाथों में ले कर झोली ,
हम सब के छोड़ा होड़ी में,
छोड़ी है बोरा-झोड़ा ।
शुरू हुए है, बस की सवारी।
दृश्य देखी है, बाहरी
यारों के साथ आए भागलपुर ।
वहाँ के नव किरणों से हुआ स्वागत ।
देखी हैं बस्ती टोली,
ना हुए कोई नोक झोक,
ना हुआ कोई रोक-टोक ।
मस्ती किये, उस बस्ती में।
नदिओं को हम देखे है,
मंदिर भी हम घूमे हैं।