भोले बाबा की महिमा भजन अरविंद भारद्वाज
भोले बाबा की महिमा
भोला – भाला बाबा है ये, है ये डमरु वाला
शीश पे गंगा सदा विराजे, गले सर्प की माला ।।
ध्यान लगाकर बैठे भोला, इसकी महिमा न्यारी
मस्तक पर चन्दा है विराजे, शोभा लगती प्यारी
संकट सबके दूर करें शिव, सबका ये रखवाला
शीश पे गंगा सदा विराजे, गले सर्प की माला ।।
त्रिनेत्रधारी की माया, जान नही कोई पाया
ॐ नाम से हर कोई पूजे, इसमें जग है समाया
विष का प्याला पी कर जिसने,विपदा को था टाला
शीश पे गंगा सदा विराजे, गले सर्प की माला ।।
डमरू वाला कहलाता है, भस्म है अंग रमाई
शम्भू बाबा की अरविन्द ने, महिमा आज सुनाई
देव और दानव जिसको पूजे, घट-घट बसने वाला
शीश पे गंगा सदा विराजे, गले सर्प की माला ।।
© अरविंद भारद्वाज