भोली जनता लूट ली
विनोद सिल्ला की कुंडलियां
भोली जनता लूट ली, कर-कर के पाखंड|
तार्किकता छोड़ कर के, थाम लिए हैं फंड||
थाम लिए हैं फंड, कई घर बर्बाद हुए|
भोले भगतों की भीड़, साध आबाद हुए||
कह सिल्ला कविराय, छोड़ पाखंडी टोली|
फसे हुए हैं लोग, बचाओ जनता भोली||
-विनोद सिल्ला©