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21 Jan 2024 · 1 min read

भोर अगर है जिंदगी,

भोर अगर है जिंदगी,
साँझ अन्त का बिम्ब ।
रैन मौन संघर्ष का,
जीवित आशा डिम्ब ।।

सुशील सरना / 21-1-24

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