भोजपुरी दोहे
भोजपुरी दोहा:-
जनता जनता ऊ कहें, रहे जे सबदिन दूर।
बाबू भईया बोल के, छलत रहे भरपूर।।१।।
कबो दिलाशा काम के, कबो सड़क सरकार।
बोलत बीतल बा इहा, लबराई भरमार।।२।।
गहना गुरिया बेच के, पूत पढ़वनी आप।
अफसर बनते पूत जी, बनले राउर बाप।।३।।
मोटे रकम दहेज के, बेटा बी ए पास।
इंग्लिश से परहेज़ बा, गणीत न आवे रास।।४।।
दुलहीन से मन खुश बा, बटल मिठाई गाँव।
सास ससुर सर चाव से, बहुयें छीनली छाँव।।५।।
मिडेमील इसकूल में, पढ़ल लिखल सब बन्द।
मास्टर खिचड़ी में फसल, लइका सब मतिमंद।।६।।
✍️पं.संजीव शुक्ल ‘सचिन’