Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jun 2020 · 1 min read

भोजपुरी गीत

जब से मिलल बाटे तोहसे नयनवा,
हमहू भुलाइल बांटी सुखवा चैनवा।

गोरी तोहरा प्यार में, जागी दिन रात हो
कहिया तू अईबु गोरी, कब होई बात हो।
तोहरे से जीनगी के जोड़ले बाड़ी गांठ हो,
कहिया तू अईबु गोरी, कब होई बात हो।

जहिया हम मिलली गोरी तोहसे पहली बार हो,
दिलवा के घंटी बाजल तू ही लगलू यार हो,
कबो ना भुलाई गोरी पहली मुलाक़ात हो,
कहिया तू अईबु गोरी, कब होई बात हो।। 1 ।।

जबसे तू दूर गईलू लागे नहीं मनवा,
गोरी तोहीं छिनले बाडू सुख़वा चैंनवा,
तोहरी ही याद में काटत तानीं रात हो,
जल्दी से आजा गोरी कई ला मुलाक़ात हो।। 2 ।।

गोरी तोहरा प्यार में, जागी दिन रात हो
कहिया तू अईबु गोरी, कब होई बात हो।।

Language: Hindi
Tag: गीत
4 Likes · 2 Comments · 625 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
🧟☠️अमावस की रात ☠️🧟
🧟☠️अमावस की रात ☠️🧟
SPK Sachin Lodhi
शान्ति कहां मिलती है
शान्ति कहां मिलती है
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सब तेरा है
सब तेरा है
Swami Ganganiya
International Camel Year
International Camel Year
Tushar Jagawat
— कैसा बुजुर्ग —
— कैसा बुजुर्ग —
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कैसे यह अनुबंध हैं, कैसे यह संबंध ।
कैसे यह अनुबंध हैं, कैसे यह संबंध ।
sushil sarna
रिश्तो से जितना उलझोगे
रिश्तो से जितना उलझोगे
Harminder Kaur
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
नौकरी न मिलने पर अपने आप को अयोग्य वह समझते हैं जिनके अंदर ख
नौकरी न मिलने पर अपने आप को अयोग्य वह समझते हैं जिनके अंदर ख
Gouri tiwari
आत्मीयकरण-1 +रमेशराज
आत्मीयकरण-1 +रमेशराज
कवि रमेशराज
"मन"
Dr. Kishan tandon kranti
पितृ दिवस
पितृ दिवस
Ram Krishan Rastogi
डूबे किश्ती तो
डूबे किश्ती तो
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
न काज़ल की थी.......
न काज़ल की थी.......
Keshav kishor Kumar
सच का सच
सच का सच
डॉ० रोहित कौशिक
हिंदी पखवाडा
हिंदी पखवाडा
Shashi Dhar Kumar
क्रिकेटफैन फैमिली
क्रिकेटफैन फैमिली
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*दौड़ा लो आया शरद, लिए शीत-व्यवहार【कुंडलिया】*
*दौड़ा लो आया शरद, लिए शीत-व्यवहार【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
खुशी तो आज भी गांव के पुराने घरों में ही मिलती है 🏡
खुशी तो आज भी गांव के पुराने घरों में ही मिलती है 🏡
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"तब तुम क्या करती"
Lohit Tamta
कभी यदि मिलना हुआ फिर से
कभी यदि मिलना हुआ फिर से
Dr Manju Saini
जिसके पास
जिसके पास "ग़ैरत" नाम की कोई चीज़ नहीं, उन्हें "ज़लील" होने का
*प्रणय प्रभात*
खुद से उम्मीद लगाओगे तो खुद को निखार पाओगे
खुद से उम्मीद लगाओगे तो खुद को निखार पाओगे
ruby kumari
"अकेलापन"
Pushpraj Anant
कभी सब तुम्हें प्यार जतायेंगे हम नहीं
कभी सब तुम्हें प्यार जतायेंगे हम नहीं
gurudeenverma198
खिला हूं आजतक मौसम के थपेड़े सहकर।
खिला हूं आजतक मौसम के थपेड़े सहकर।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
हमेशा का
हमेशा का
Dr fauzia Naseem shad
मनहरण घनाक्षरी
मनहरण घनाक्षरी
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मंजिलें
मंजिलें
Santosh Shrivastava
Loading...