भेड़ चाल में फंसी माँ
माँ, मैं तुझे याद नही करता,
एक दिन के लिए,
माँ, मैं तुझे याद क्यों करूँ,
केबल एक दिन के लिए,
मेरा तो हर दिन तेरा है,
हर पल तेरा है,
फिर ये ढकोसला क्यों करूँ,
इस दिखावे के लिए,
मैं तुझे आज याद ज्यादा,
कल कम कैसे करूँ..?
आज तुझे विशेष तो,
कल सामान्य कैसे करूँ..?
मैं हूँ, यही तेरा वजूद है,
मेरी हर परछायी तेरा सबूत है,
माँ, तू सत्य है,
पिता केबल विस्वास है,
मैं तुझे दिन में नही
दिल में याद रखता हूँ
भगवान तो नही देखा,
तेरे खून से मैं अपना अस्तित्व रखता हूँ..।