भूल
पति की दार्शनिक मुद्रा और पत्नी की कारण जानने की लगन,
बोली – नाथ ! बुझे से बैठे हो चिंता मग्न.
पति बोला – चिंता ही की तो बात है भाग्यवान,
देखो ना, भूल गया कि दुनिया में किस लिए आया था ईन्सान.
पत्नी बोली – बस, इस में भला क्या है?
मैंने तो सोचा कोई गहन समस्या है.
मैं भी कई बार अलमारी के पास जाती हूँ,
लेकिन वहां क्यों आई भूल जाती हूँ।