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29 Jan 2024 · 1 min read

भूल

पति की दार्शनिक मुद्रा और पत्नी की कारण जानने की लगन,
बोली – नाथ ! बुझे से बैठे हो चिंता मग्न.

पति बोला – चिंता ही की तो बात है भाग्यवान,
देखो ना, भूल गया कि दुनिया में किस लिए आया था ईन्सान.

पत्नी बोली – बस, इस में भला क्या है?
मैंने तो सोचा कोई गहन समस्या है.

मैं भी कई बार अलमारी के पास जाती हूँ,
लेकिन वहां क्यों आई भूल जाती हूँ।

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