Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Dec 2023 · 1 min read

भूल भूल हुए बैचैन

भूल भूल हुए बैचैन
अहम अहमियत भूल बैचैन
चिन्तामनी रेखा ललाट आता
वक्त बार-बार समझाता पर
समझ नहीं पाता जग जन
काल गाल विशाल बना बैठा है
काल की चाल समझ नहीं पाता
मर्यादा विहीन को निज मर्यादा
परिस्थिति हालात विविध रूपों
में समझाने आता रहता है पर
समझ गए तो हुए मालो माल
नहीं समझे तो कालों की गाल
टी.पी. तरुण

278 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
View all
You may also like:
****प्रेम सागर****
****प्रेम सागर****
Kavita Chouhan
" टैगोर "
सुनीलानंद महंत
"फल की आस मत रखें"
Ajit Kumar "Karn"
धीरज और संयम
धीरज और संयम
ओंकार मिश्र
तस्वीर से निकलकर कौन आता है
तस्वीर से निकलकर कौन आता है
Manoj Mahato
दोहा छंद भाग 2
दोहा छंद भाग 2
मधुसूदन गौतम
जीत से बातचीत
जीत से बातचीत
Sandeep Pande
दगा और बफा़
दगा और बफा़
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
शेखर सिंह
शेखर सिंह
शेखर सिंह
ये भी तो ग़मशनास होते हैं
ये भी तो ग़मशनास होते हैं
Shweta Soni
" from 2024 will be the quietest era ever for me. I just wan
पूर्वार्थ
जिंदगी     बेहया     हो    गई।
जिंदगी बेहया हो गई।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
स्वदेशी कुंडल ( राय देवीप्रसाद 'पूर्ण' )
स्वदेशी कुंडल ( राय देवीप्रसाद 'पूर्ण' )
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
3000.*पूर्णिका*
3000.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"सुनो एक सैर पर चलते है"
Lohit Tamta
"मयकश बनके"
Dr. Kishan tandon kranti
उफ़ ये गहराइयों के अंदर भी,
उफ़ ये गहराइयों के अंदर भी,
Dr fauzia Naseem shad
खुश रहें मुस्कुराते रहें
खुश रहें मुस्कुराते रहें
PRADYUMNA AROTHIYA
नहीं आऊँगा तेरी दर पे, मैं आज के बाद
नहीं आऊँगा तेरी दर पे, मैं आज के बाद
gurudeenverma198
वादे निभाने की हिम्मत नहीं है यहां हर किसी में,
वादे निभाने की हिम्मत नहीं है यहां हर किसी में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अच्छे बच्चे
अच्छे बच्चे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
इंसान
इंसान
Sanjay ' शून्य'
सुनो तुम
सुनो तुम
Sangeeta Beniwal
आज मेरिट मजाक है;
आज मेरिट मजाक है;
पंकज कुमार कर्ण
*परिवार: नौ दोहे*
*परिवार: नौ दोहे*
Ravi Prakash
*ख़ुद मझधार में होकर भी...*
*ख़ुद मझधार में होकर भी...*
Rituraj shivem verma
☝#अनूठा_उपाय-
☝#अनूठा_उपाय-
*प्रणय*
चांद तारों ने कहकशां  लिख दी ,
चांद तारों ने कहकशां लिख दी ,
Neelofar Khan
मिथ्या इस  संसार में,  अर्थहीन  सम्बंध।
मिथ्या इस संसार में, अर्थहीन सम्बंध।
sushil sarna
साथ
साथ
Neeraj Agarwal
Loading...