भूल न जाना देश उन्हें
“भूल न जाना देश उन्हें ,
जो मर कर भी हैं अमर हुए
सरहद की हिफाजत में जो ,
दिन रात चौकसी करते हैं !
बर्फीले चट्टानों में जो ,
सीना तने चलते हैं
रात के सन्नाटे में जब हम
अपने घरो में सोते हैं !
वो वीर प्रहरी बन ,
हम सबकी रक्षा करते हैं !
उत्तर से दक्षिण हो या ,
पूरब से पश्चिम हो
पूरा भारतवर्ष पर जिनके लिए
परिवार ही हो !
जिनके जीवन का धर्म कर्म सब
सब भारत माँ की रक्षा से हो ,
जिनके रक्त का कतरा कतरा
भारत माँ की जय कहता हो !
ऐसे वीर सपूतों के बलिदान को
न तुम बिसराना ,
भूल न जाना देश उन्हें जो
मर कर भी हैं अमर हुए ! “