भूल गए सब राम। दीपावली विशेष।
लक्ष्मी सबको याद रहीं
हैं भूल गए सब राम।
कलयुग की चकाचोंध में
मर्यादाओं का क्या काम।
पैसा पैसा सब करें
पैसे की है रीत।
पैसे के आगे कहां दिखे
बुराई पर अच्छाई की जीत।
मन को भी कर लो साफ
जैसे घर तिजोरी चमकाली।
तन भी सुंदर मन भी सुंदर
ऐसी हो शुभ दिवाली।
।।।।डॉ. शिव आदित्य शर्मा।।।।