भूली हुई कहानी
भूली हुई कहानी, रीते लम्हें, वो बीते हुए पल।
याद बहुत आता हैं, संग तेरे गुजरा हुआ कल।।
जादुगरी सी बातें तेरी,खुशनुमा से वो एहसास।
मेरी खामोश निगाहें पढ़ कर,स्नेह तेरा निश्छल।।
हर खुशी का ध्यान,मेरी हर बात का रखा मान।
रूह में बस गया हैं तू,रग रग करे तेरा सम्मान।।
कैसे कहूँ तुम झूठे थे,और प्यार तेरा छलावा था।
मुझको समझने वाला,साथी कौन तेरे अलावा था।।
दिल में कहीं मैं भी हूँ, कोई मुझकों भी प्रमाण दे।
मन के सरगम को,सुरो से अपने,थोड़ा तु भी तान दे।।
रेखा”कमलेश ”
होशंगाबाद मप्र