भूली बिसरी यादें
भूली बिसरी यादें
सफर जिंदगी का,कुछ ऐसा ही है
कुछ मिले होंगे,कुछ छूटे भी होंगे
मजा तो यारों की,महफिल में है
कुछ सच्चे होंगे, कुछ झूठे भी होंगे
कुछ मान गए ,कुछ को मना लिया
कुछ तो मुझसे, अब रूठे भी होंगे
रिश्ते की डोर,बड़े जतन से पिरोया
नाजुक लड़ी है, कुछ टूटे भी होंगे
हर दम, हर पल,जो दिल में मेरे है
अनमोल तो है ही,वो अनूठे भी होंगे
योगेश गुप्ता,बैकुंठपुर
छत्तीसगढ़