भूला है वो मैं तो नहीं
वो भूला है मुझे मैं तो नहीं
दिल टूटा है मेरा मैं तो नहीं
लग रहा अंधेरा बहुत आज
लेकिन अभी रात है तो नहीं
ये क्या हुआ जानता मैं तो नहीं
पराया उसको मानता मैं तो नहीं
किसने वफ़ा की और किसने नहीं
जानता हूं इतना बेवफ़ा मैं तो नहीं
सच दिखने के डर से आजकल
सुना है वो आईना देखता ही नहीं
मेरे ज़ख्म नहीं देख सकता वो आज भी
शायद इसीलिए अब वो मुझे देखता ही नहीं
दूरी बढ़ाकर खत्म हो जाएगा इश्क
वो नादान सोचता है मैं तो नहीं
दिल से निकालना चाहता है मुझे
लेकिन उसके दिल से जाऊंगा मैं तो नहीं
साथ तेरा जन्नत का अहसास देता है
वो ही कहता था मैं तो नहीं
वो ऊब गया जन्नत से इतना जल्दी
ऐसा लगता है लेकिन मैं तो नहीं
निभाऊंगा इस रिश्ते हो ताउम्र
खाई है कसम, मुकरूंगा, मैं तो नहीं
वो और होंगे जिनको तेरे आंसुओं की
कोई फिक्र ही नहीं, लेकिन वो मैं तो नहीं।