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1 Sep 2017 · 1 min read

भूलने को भूल जाता हूँ…

एक जीत है तुझमे की पास खीच ले जाती हैं!
कोई बात हैं तुझमे की भूलने को भुला देती हैं!
आख़िर कहा-कहा रोकूँ में खुद को कि!
ज़िन्दगी नयी शरुआत फिर उससे से करा देती हैं!!
–सीरवी प्रकाश पंवार

Language: Hindi
Tag: शेर
536 Views
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