भूलने को भूल जाता हूँ…
एक जीत है तुझमे की पास खीच ले जाती हैं!
कोई बात हैं तुझमे की भूलने को भुला देती हैं!
आख़िर कहा-कहा रोकूँ में खुद को कि!
ज़िन्दगी नयी शरुआत फिर उससे से करा देती हैं!!
–सीरवी प्रकाश पंवार
एक जीत है तुझमे की पास खीच ले जाती हैं!
कोई बात हैं तुझमे की भूलने को भुला देती हैं!
आख़िर कहा-कहा रोकूँ में खुद को कि!
ज़िन्दगी नयी शरुआत फिर उससे से करा देती हैं!!
–सीरवी प्रकाश पंवार