भूलना..
भूलना..
बेहद मुश्किल होता है
महज एक इंसान को नहीं
उसके साथ भूलना होता है
एक दौर..
साथ जिये गए पल,
चंद खूबसूरत यादें,
कभी खत्म न होने वाली बातें,
तकरार और फ़िर रूठना मनाना,
वो प्यार…
उसके कांधे पर सर रख देना
थाम लेना हाथों को
फ़िर, हौले से मुस्कुरा देना
इतना सब भूलने लिए
एक उम्र कम पड़ जाती है
कैसे आसानी से कह देते हैं
भूल जाओ….!!!!
हिमांशु Kulshrestha