भूमि का संरक्षण
धरा पर वृक्षारोपण,
दिया संकेत वृक्षारोपण।
वन्य प्राणी का करो संरक्षण,
होगा हमारा स्वच्छ पर्यावरण।
मानव दिन दूर नहीं,
जब होगी महामारी,
रुक जावेगी सांस हमारी।
एक वृक्ष लगाओ मानव,
क्यों तू बन गया दानव।
बढ़ो आगे करो वृक्षा वंदन,
धरा का करो अभिनंदन।
नदिया ,पोखर कुआ बावड़ी,
भूल गए बन बैठे अनाड़ी।
बन जावेगी प्रदूषण से महामारी,
वरना आफत हो जावेगी हमारी।
मृत्यु की और आगाज,
होगा सारा हमारा समाज।
सुप्त निद्रा तोड़ समय है हमारा,
बिखर जावेगी प्रकृति हमारी।
दूषित अंन, दूषित फल,
दूषित सब्जी दूषित आहार।
मिट्टी हो रही छीण ,
जल प्रदूषित, हवा दूषित
धरा दूषित , जग मंडल दूषित।
केमिकल का प्रयोग कम करो,
जैविक खाद का उपयोग करो।
नारायण अहिरवार
अंशु कवि
सेमरी हरचंद होशंगाबाद
मध्य प्रदेश